Puliyabaazi

दास्ताँ-ए-बलोचिस्तान. Understanding Balochistan.

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Sinopsis

बलोचिस्तान आजकल भारत में एक बहुचर्चित विषय हो गया है | प्रधानमंत्री मोदी ने तीन साल पहले अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इसका उल्लेख किया | इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के एक नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान से कब्ज़े में ले लिया और आरोप लगाया कि भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी R&AW बलोचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है | तो इस बार की पुलियाबाज़ी बलोचिस्तान पर तिलक देवाशर के साथ | देवाशर जी Pakistan: The Balochistan Conundrum के लेखक है और पाकिस्तान मामलों पर पिछले चार दशकों से काम कर रहे है | उनसे हमने चर्चा की इन सवालों पर: बलोचिस्तान के बारे में सबसे पहले तो यह समझना ज़रूरी है कि आज यह तीन देशों में विभाजित है - यह कैसे हुआ? रही बात सिर्फ़ पाकिस्तानी बलोचिस्तान की तो उसमें भी कई भाषायें, कई जनजातियाँ, कई धर्म है | इसकी क्या कहानी है? क्या इन जनजातियों की भिन्नता के बीच “बलोच एक क़ौम” की भावना आज कमज़ोर हुई है या पहले से और मज़बूत? आज़ादी के वक़्त कलात रियासत का अंग्रेज़ों के साथ क्या arrangement था? ११ अगस्त को कलात किस तरह आज़ाद हुआ और फिर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया? पाकिस्तानी बलोचिस्तान की पाकिस्तानी र